tag:blogger.com,1999:blog-3687459469939352706.post6920829135275349659..comments2023-05-13T04:34:13.267-07:00Comments on यारों की महफिल...: इंतजारपशुपति शर्माhttp://www.blogger.com/profile/11856783167021814006noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-3687459469939352706.post-64963521316086759122009-01-16T10:55:00.000-08:002009-01-16T10:55:00.000-08:00इंशा अल्लाह मैं कहना चाहता था.... लेकिन दिक्कत ये ...इंशा अल्लाह <BR/>मैं कहना चाहता था.... लेकिन दिक्कत ये है कि मैं जानता हूं कि तुम्हारे-हमारे जैसे लोगों का इंतज़ार उस दुष्ट को ताकत देता है। क्योंकि ये इंतज़ार धीरे-धीरे आदत बन जाता है और फिर और भी धीरे-धीरे आप भूलने लगते हैं कि जिस पैसे के लिए आप इंतज़ार कर रहे हैं वो आपका हक था कभी। <BR/>मुझे ऐतराज़ है कि क्योंकि मैं भी कमोबेश शायद यही कर रहा हूंसोतड़ूhttps://www.blogger.com/profile/17684686105765463995noreply@blogger.com