नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ फैशन टेक्नॉलॉजी में आरक्षित कोटे की सीटें खाली हैं लेकिन छात्रों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा। साल 2010 के बी डिजाइन कोर्स में दाखिले की प्रक्रिया को लेकर दायर एक आरटीआई में इस बात का खुलासा हुआ है। आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक ओबीसी (नॉन क्रीमी लेयर) कोटे की 7 सीटें खाली हैं, जबकि एससी और एसटी कोटे की एक-एक सीट खाली पड़ी है।
निफ्ट के निदेशक आरएम सिंह के मुताबिक ओबीसी कोटे के तहत 2010 में 356 छात्रों को दाखिला दिया जाना था लेकिन महज 349 छात्रों को ही दाखिला दिया गया। ओबीसी कोटे के तहत काउंसलिंग में कुल 530 छात्रों को बुलाया गया था और 18 जून 2010 को 523 रैंक के छात्र को आखिरी दाखिला दिया गया। निफ्ट की ओर से जारी रैंक लिस्ट में बाकी बचे छात्र कॉल का इंतजार करते रहे लेकिन संस्थान की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। यहां तक कि कई अभिभावकों ने फैक्स के जरिए भी ये सूचना दी कि वो एडमिशन लेना चाहते हैं लेकिन संस्थान उन्हें टालता रहा। आरटीआई के तहत पूछे गए एक सवाल के जवाब में निफ्ट ने चुप्पी लगा ली कि आखिर ये फैसला कब लिया गया कि वेटलिस्टेड छात्रों को काउंसलिंग के लिए नहीं बुलाया जाएगा।
नाम न छापने की शर्त पर एक पीड़ित अभिभावक ने आरोप लगाया कि ओबीसी कोटे के साथ हो रहे इस खिलवाड़ की भूमिका उसी वक्त तैयार हो चुकी थी जब काउंसलिंग के लिए पहली लिस्ट जारी की गई। बी डिजाइन के लिए ओबीसी कैटगरी में काउंसलिंग के लिए 530 छात्रों को बुलाया गया। ये कुल सीटों (345) की तुलना में महज 54 फीसदी ज्यादा छात्र थे, जबकि सामान्य कोटे में 85 फीसदी ज्यादा, एससी कोटे में 108 फीसदी ज्यादा और एसटी कैटगरी में 83 फीसदी ज्यादा छात्र काउंसलिंग के लिए बुलाए गए। अलग-अलग कैटगरी में काउंसलिंग के लिए बुलाए गए छात्रों के इस अंतर पर जब एडमिशन सेल (दिल्ली) में पूछताछ की गई तो बताया गया कि अगर सीटें बची रह जाएंगी तो काउंसलिंग के लिए दूसरी लिस्ट निकाली जाएगी, लेकिन ये दूसरी लिस्ट अभी तक नहीं आई।
आपको बता दें कि बी डिजाइन के लिए ओबीसी की काउंसलिंग 18 जून को समाप्त हो गई थी और यहां पढ़ाई 28 जुलाई से शुरू हुई। करीब 40 दिनों के इस अंतराल में निफ्ट ओबीसी की 7 सीटों को भरने की प्रक्रिया पूरी नहीं कर सका। निफ्ट में बी एफटेक और मास्टर्स कोर्स के लिए काउंसलिंग की दूसरी लिस्ट जारी की गई लेकिन ओबीसी कैटगरी में दूसरी लिस्ट जारी करने में टालमटोल भरा रवैया बदस्तूर जारी है।
पशुपति शर्मा
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