सोमवार, 20 दिसंबर 2010
पहला विनय स्मृति सम्मान शफी आलम को
कौमी तंजीम के युवा पत्रकार शफी आलम को पहला विनय स्मृति सम्मान प्रदान किया गया है। 19 दिसंबर को पूर्णिया के मिनिस्ट्रियल क्लब में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्हें ये सम्मान प्रदान किया गया। युवा पत्रकार शफी आलम को ये सम्मान पूर्णिया के बुजुर्गों की संस्था बुजुर्ग समाज की ओर से दिया गया है। बुजुर्ग समाज ने शफी आलम को संभावनाओं से भरा पत्रकार करार देते हुए उन्हें विनय स्मृति सम्मान से नवाजा।
शफी आलम फिलवक्त कौमी तंजीम के पूर्णिया के ब्यूरो चीफ हैं। पिछले 8-9 सालों से उन्होंने कौमी तंजीम के लिए संजीदा रिपोर्टिंग की है और सामाजिक बदलाव की सरोकारी पत्रकारिता के लिए जाने जाते हैं। शफी आलम ने इस सम्मान के मिलने पर खुशी जाहिर की। उनके मुताबिक स्थानीय पत्रकारों के लिए एक पेशे के तौर पर पत्रकारिता करना काफी चुनौती भरा है। इसमें करियर नहीं है लेकिन हां कुछ अच्छा करने का सुकून है और वही सबसे बड़ी ताकत है। शफी ने हाल के दिनों में पत्रकारिता में आई गिरावट को लेकर चिंता भी जाहिर की। उन्होंने कहा कि पत्रकारों को निजी स्वार्थों से ऊपर उठकर काम करना होगा और राजनीतिक-प्रशासनिक प्रलोभनों से बचना होगा।
हिंदुस्तान के युवा पत्रकार विनय तरूण का इसी साल 21 जून को एक हादसे में आकस्मिक निधन हो गया था। पूर्णिया के रहने वाले विनय तरूण की याद में उनके मित्रों ने अगस्त महीने में एक कार्यक्रम रखा था। इसी कार्यक्रम में बुजुर्ग समाज के अध्यक्ष भोला नाथ आलोक ने विनय स्मृति सम्मान का एलान किया था। बुजुर्ग समाज ने पूर्णिया के साहित्यकारों, पत्रकारों और बुद्धिजीवियों की मौजूदगी में शफी आलम को सम्मानित किया और इस परंपरा को आगे भी जारी रखने की प्रतिबद्धता दोहराई।
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2 टिप्पणियां:
बहुत अच्छा प्रयास. हम सब आभारी हैं.
ये रिपोर्ट भड़ास ने भी छापी है.
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