ब्लॉग पढ़ते-पढ़ते आखिर अब आप लोगों के बीच मैं भी आ ही गया। काफी दिनों से कई ब्लॉग देखा करता था... ख्वाहिश थी की यारों की इस महफिल में मैं भी शरीक हो जाऊं.... सो आज ये ख्वाहिश भी पूरी हो गई... आदर्श ने दूसरा मौका भी नहीं दिया सोचने का... एक प्याला उसने खुद थाम ही रखा था... एक प्याला मेरे आगे भी कर दिया और कहा--- देखिए आपका खोया चांद आसमान में कहां है... बादलों के बीच खोया चांद कहीं आपको भी दिख जाए तो बस यारों की महफिल जम जाए...
इस ब्लॉग की शुरुआत का श्रेय जिस दूसरे शख्स को जाता है वो हैं जयंत अवस्थी... वो भी कम यारबाज नहीं... सो उन्होंने भी कहा-अभी और फौरन.... चलिए मुलाकातें होंगी और कुछ बात भी...
बात कहां तक जाएगी.... दूर तलक या यहीं कहीं आस-पास... ये तो वक्त ही बताएगा....
बुधवार, 3 दिसंबर 2008
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
3 टिप्पणियां:
आपका स्वागत है ब्लॉगर्स की दुनिया में।
पूर्ण विश्वास है कि आप आपका ब्लॉग एक नया आयाम स्थापित करेगा और हिन्दी ब्लॉगिंग के स्तर को और ऊपर उठाने में योगदान देगा।
aapka swagat hai...
www.chitrasansar.blogspot.com
Blog ki is duniya mein aapka tahedil se swagat....is umeed ke saath ki kuch naya padne ko milega....
Regards
एक टिप्पणी भेजें