गुरुवार, 2 अप्रैल 2009

वोदाफोन का लीगल नोटिस

वोदाफोन ने मुझे एक लीगल नोटिस भेजा है। ये नोटिस कंपनी के मनमाने बिल का भुगतान न करने की वजह से भेजा गया है। वोदाफोन ने जनवरी और फरवरी में डाउनलोडिंग के नाम पर अनाप-शनाप चार्ज किया है। मेरा एक नंबर ९९९९०३१३८० है जो इन दिनों बंद पड़ा है। गनीमत से नंबर बंद होने की वजह मोबाइल का गुम हो जाना है, वरना बिल और भी लंबा हो सकता था। कंपनी के मनमाने रवैये की वजह से मैंने इसे दोबारा हासिल करने की कोशिश भी नहीं की है।
दरअसल वोदाफोन ने वोदा लाइव के नाम से एक सर्विस दे रखी है। इस पर चार्ज बहुत ही मामूली है १० पैसे प्रति मिनट (कारपोरेट कनेक्शन) । ये सुनने में बहुत अच्छा लगता है लेकिन कंपनी ने कुछ और साइट्स से गुप्त गठबंधन कर रखा है। और वहां आपने क्लिक किया नहीं कि अनाप शनाप चार्ज लगने शुरू हो जाते हैं। ऐसा ही हुआ है मेरे इस नंबर के साथ भी। गाने डाउनलोड करने के नाम पर कंपनी ने ९९ रुपये के हिसाब से चार्ज किया है और उसका तरीका समझ से परे है।
आखिर कोई कंपनी खुद १० पैसे लेकर किसी को उसी सर्विस पर करीब एक हजार गुना ज्यादा चार्ज करने की सुविधा कैसे दे सकती है?
इस पर मैंने कंपनी में शिकायत की तो उनका एक तैयार मेल आ गया कि हम इस बारे में कुछ नहीं कर सकते।
वोदाफोन कस्टमर केयर वालों से बात की तो उनका कहना था कि ये चार्जेज हमारी कंपनी ने नहीं किए हैं ये थर्ड पार्टी पेमेन्ट है।
मैंने वोदाफोन से यही अपील की थी कि
१।थर्ड पार्टी का पेमेन्ट मेरी ओर से आपको करने का हक किसने दिया?
2।आखिर आज जब क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड से मोबाइल के थ्रू ही कई सारी परचेजिंग हो जाती है तो आपने इस तरह के बिल का भुगतान करने का ठेका क्यों उठा रखा है?
3-क्यों नहीं थर्ड पार्टी को खुद ब खुद पेमेन्ट लेने को कहा जाता है?
लेकिन कंपनी है कि कोई जवाब देने की बजाय चुप्पी साध लेती है। ये सारा गोरखधंधा महज इसलिए कि उस साइट से कंपनी को अच्छा खासा हिस्सा कमीशन के तौर पर हासिल हो जाता है।
और अब मुझे डराने धमकाने के लिए उन्होंने अपनी लीगल कंपनी से एक नोटिस भेज दिया है। इस नोटिस का जवाब भेजने के लिए मैंने भी एक वकील से बात कर ली है और जल्द ही इसका जवाब दे दिया जाएगा।
बहरहाल, वोदाफोन जैसी कंपनियों के इस धंधे के खिलाफ और क्या किया जा सकता है इस पर आप सभी के सुझाव चाहूंगा। और कंपनियों की इस 'लीगल गुंडागर्दी' से निपटने के लिए आप सभी का सहयोग भी अपेक्षित है।

3 टिप्‍पणियां:

Aadarsh Rathore ने कहा…

अरे सर मैं भी एक बार रिलायंस नेट कॉनेक्ट डाटा कार्ड ले बैठा। 3 महीने तक उसे फ्री चलना था। उसके बाद मुझे कोई एक प्लान चुनना था। 3 महीने बाद जब फ्री प्लान खत्म हुआ तो मैंने 1 जीबी वाला प्लान लिया। नया प्लान लेने के बीच मैंने आधे घंटे तक नेट इस्तेमाल किया इस पर रिलायंस न जाने क्या हिसाब किताब करके मुझे 1032 रुपये का बिल भेज दिया। मैंने उसी दिन बिल चुकता किया और कनेक्शन भी कटवा दिया।

महेन ने कहा…

उन्हें कहिये कि कंस्यूमर फोरम में केस करेंगे. अगर आपके केस में दम है तो वे खुद ही पीछे हट जायेंगे. हालाँकि मुझे लगता है उनके पास केस जीतने के ज्यादा कारण हैं. बेहतर रहेगा कि आप ट्राई की साईट पर जाकर पता करें.
http://www.trai.gov.in/Default.asp

बेनामी ने कहा…

यारों की महफिल में वोडाफोन के चोर दरवजे को देखा मसला वाकई गम्भीर से भी गम्भीर है मेरे ख्याल में सरकार को भी इसमें पार्टी बनाना चाहिए हमारी जान मॉल की सुरक्षा का दाय्तिव सरकार का ही बनता है 70 लाख फ़ोनों से यदि 300 रूपये प्रति फोन भी कम्पनी इस तरह के चोर दरवाजे से लूट ती हे तो यह रकम 21000 रूपये बनती है अगर सारी कम्पनियां मिल कर यह दुसाहस करें तो भारत वासियों का करोड़ों रुपया इन देशी -विदेशी कम्पनियों द्वारा लूटा जाता है ,tri भी कुछ नही करे गी मेरे ख्याल में हमे जनहित को ध्यान में रखते हुए जन हित याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर करनी चाहिए ताकि देश की भोली भली जनता को इस लूट से बचाया जा सके ||